हरियाणा में भाजपा की सत्ता वापसी का रास्ता साफ़, छह विधायकों ने दिया अपना समर्थन

दिल्ली: हरियाणा में भाजपा बहुमत से भले ही दूर रह गई है, लेकिन भाजपा की सरकार बनना लगभग तय हो गया है। पार्टी हाथ आए इस मौके को छोड़ना नहीं चाहती। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संकटमोचक बन कर रण में कूद गए हैं। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से मनोहर लाल सरकार की पांच साल की प्रशंसा कर यह भी तय कर दिया है कि हरियाणा में अगली सरकार मनोहर लाल के नेतृत्व में ही बनेगी।

इस बीच जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला को शाह ने डिनर के लिए आमंत्रित कर लिया है। डिनर डिप्लोमेसी के माध्यम से खाने की टेबल पर ही चर्चा होगी। भाजपा स्थायित्व के लिए दुष्यंत को अपने साथ मिलाना चाह रही है। अन्यथा निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का साथ देने का वादा कर दिया है। आठ में से सात निर्दलीय विधायकों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मुलाकात हो गई है।

चूंकि पार्टी प्रदेश में स्थिर सरकार देना चाह रही है। इसलिए दुष्यंत को साथ लेकर चलना मजबूरी बन गया है। ऐेसे में दुष्यंत को डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया जा सकता है। जजपा के भाजपा में शामिल होने पर मंत्रिमंडल में भी दुष्यंत के साथियों को स्थान देना पड़ेगा। यह सारी बातें अमित शाह की मौजूदगी में ही तय हो पाना संभव है। उधर निर्दलीय विधायकों को मनेाहर लाल ने आश्वासन दे दिया है। इन विधायकों को भी सरकार में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।

ऐसे बनेगी सरकार
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटे हैं। भाजपा को हरियाणा में 40 सीटे मिली हैं। विधानसभा तक पहुंचने के लिए पार्टी को 46 सीटों की जरूरत है। ऐसे में 07 निर्दलीय को शामिल करके ही पार्टी सरकार बना सकती है, लेकिन सूबे की जनता को स्थाई सरकार देने के लिए दुष्यंत को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है।

जजपा को देखना होगा हजकां का हाल
हरियाणा में हुडडा सरकार के समय कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां सात सीटों पर आई थी, लेकिन कुलदीप अपने विधायकों को रोक पाने में असमर्थ रहे और छह विधायकों ने हुड्डा सरकार को समर्थन दे दिया था। ऐसे में दुष्यंत के लिए सरकार में शामिल होना अधिक हितकर होगा बजाए सरकार से दूरी बनाए रखने में।

हरियाणा में विपक्ष हुआ मजबूत
2014 की विधानसभा में हरियाणा में भाजपा की बहुमत की सरकार थी। कांग्रेस के 15 ही विधायक थे। कुलदीप और रेणुका बाद में कांग्रेस में विलय हुए। नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला होने के बावजूद उनके भतीजे दुष्यंत ने उन पर सरकार की बी टीम होने के आरोप लगाए। ऐसे में मजबूत विपक्ष न होने के कारण कांग्रेसी कमजोर पड़ जाते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस मजबूती से अपनी भूमिका निभाएगी।


सिरसा से हलोपा नेता गोपाल कांडा व रानियां से आजाद विधायक रणजीत सिंह दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वे सिरसा से चार्टर प्लेन में दिल्ली रवाना हुए। उनके साथ सांसद सुनीता दुग्गल भी हैं। ऐसे में यह बात स्पष्ट हो गई कि वे भाजपा के समर्थन में हैं।

सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हुई है। बता दें कि 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत न मिलने पर वे सिरसा से निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा ने कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री का पद मिला।

निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा ने कहा कि 2019 में 2009 ने खुद को दोहराया है। भाजपा ने 40 सीटों पर जीत की है। गोपाल कांडा 6 विधायकों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वे भाजपा की सरकार बनाएंगे

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